S Jaishankar Taliban | India Afghanistan Relation Vs Pakistan Army | एस जयशंकर ने पहली बार तालिबान सरकार से बात की: शुक्रिया कहा, अफगानिस्तान ने भारतीय रॉकेट हमले का पाकिस्तानी दावा खारिज किया था

नई दिल्ली3 घंटे पहले

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और तालिबानी विदेश मंत्री मुत्ताकी। - Dainik Bhaskar

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और तालिबानी विदेश मंत्री मुत्ताकी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार रात अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर बातचीत की। जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के लिए मुत्ताकी को शुक्रिया कहा।

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के उन आरोपों को खारिज कर दिया था, जिनमें कहा गया था कि भारतीय मिसाइलों ने अफगानिस्तान को टारगेट किया। जयशंकर ने इस बात के लिए भी अफगान सरकार का शुक्रिया किया। यह भारत और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच मंत्री स्तर की पहली बातचीत थी।

जयशंकर ने कहा कि भारत और अफगान लोगों के बीच जो पुराना दोस्ताना रिश्ता है, उसे दोहराया गया और भविष्य में इसे कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर बातचीत हुई।

तालिबान सरकार की भारत से वीजा देने की डिमांड

  • इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के विदेश मंत्री ने भारत से अफगान व्यापारियों और मरीजों के लिए भारतीय वीजा की सुविधा की मांग की।
  • इसके अलावा भारत में अफगान कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी का भी अपील की। जयशंकर ने इन मुद्दों को तुरंत हल करने की बात कही।
  • भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान की एंट्री के बाद 25 अगस्त 2021 को तत्काल प्रभाव से वीजा देना बंद कर दिया था। तालिबान के सत्ता में आने के बाद वहां की सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर यह फैसला लिया गया था।

मिसरी और मुत्ताकी की मुलाकात से बातचीत शुरू हुई

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद भारत और तालिबान सरकार के बीच बातचीत की शुरुआत जनवरी में हुई थी। जनवरी में विक्रम मिसरी और मुत्ताकी के बीच दुबई में बैठक हुई थी। तब अफगान विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के लोगों से जुड़ने और उनका समर्थन करने के लिए भारतीय नेतृत्व की सराहना की थी।

इसके बाद विदेश मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी आनंद प्रकाश ने 28 अप्रैल को मुत्ताकी से मुलाकात की थी। उस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी। अब एस जयशंकर और मुत्ताकी की फोन पर बातचीत हुई है।

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी के बीच 8 जनवरी को दुबई में बातचीत हुई थी।

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी के बीच 8 जनवरी को दुबई में बातचीत हुई थी।

भारत से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं, 20 साल में 25 हजार करोड़ दिए

भारत ने अब तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन भारत ने पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान को 20 हजार करोड़ रुपये की मदद कर चुका है। पिछले साल नवंबर में तालिबान ने मुंबई स्थित अफगान वाणिज्य दूतावास में अपना डिप्लोमैट अपॉइंट किया था। रूस, चीन, तुर्की, ईरान और उज़्बेकिस्तान में पहले से ही अफगान दूतावास हैं।

एक्सपर्ट बोले- तालिबान को भारत की ज्यादा जरूरत

  • कतर के मीडिया संस्थान अलजजीरा ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में धीरे-धीरे नजदीकी बढ़ रही है। एक्सपर्ट राघव शर्मा ने कहा कि भारत जानता है कि तालिबान सरकार को नजरअंदाज करना अब मुमकिन नहीं है।
  • भारत हमेशा अफगानिस्तान को ‘रणनीतिक रूप से अहम’ देश बताता रहा है। जब तालिबान सत्ता में आया, तो भारत ने उसे लगभग नजरअंदाज कर दिया था और सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही ध्यान दिया।
  • तालिबान के पाकिस्तान के रिश्ते अब अच्छे नहीं हैं। ऐसे में वह दुनिया को दिखाना चाहता है कि वे सिर्फ पाकिस्तान के भरोसे नहीं हैं। तालिबान अब भारत जैसे देशों से संपर्क बढ़ाकर यह दिखाना चाहता है कि उनके पास और भी विकल्प हैं और वे सिर्फ पाकिस्तान की कठपुतली नहीं है।

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