Protests Against Muhammad Yunus Government Intensify in Bangladesh; DMP Imposes Ban on Dhaka Rallies | बांग्लादेश के ढाका में प्रदर्शन पर रोक: यूनुस के सरकारी आवास-सचिवालय के आसपास का एरिया सील; अंतरिम सरकार की मुश्किलें बढ़ीं

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ढाका3 दिन पहले

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ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने राजधानी के केंद्र में सभी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और जनसभाओं पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है। - Dainik Bhaskar

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने राजधानी के केंद्र में सभी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और जनसभाओं पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। विपक्षी दलों, सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और सेना के बीच भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस बीच ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने राजधानी के केंद्र में सभी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और जनसभाओं पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है।

वहीं, ढाका पुलिस ने मोहम्मद यूनुस के आधिकारिक निवास ‘जमुना गेस्ट हाउस’ और बांग्लादेश सचिवालय के आसपास के एरिया को पूरी तरह सील कर दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है। जब सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार के एक अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

DMP कमिश्नर एसएम सज्जात अली ने बताया कि यह प्रतिबंध, सार्वजनिक व्यवस्था और चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। इससे पहले 10 मई को भी सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BGB) और पुलिस की SWAT टीमों को सरकारी इमारतों की सुरक्षा में लगाया था।

ढाका सचिवालय में सरकारी कर्मचारी मोहम्मद यूनुस सरकार के उस अध्यादेश के खिलाफ हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें बर्खास्तगी की प्रक्रिया आसान की गई है।

ढाका सचिवालय में सरकारी कर्मचारी मोहम्मद यूनुस सरकार के उस अध्यादेश के खिलाफ हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें बर्खास्तगी की प्रक्रिया आसान की गई है।

ईद के बाद फिर भड़क सकते हैं प्रदर्शन

फिलहाल ईद की छुट्टियों के कारण विरोध थोड़े समय के लिए थम गया है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों ने 15 जून तक मांगें पूरी नहीं होने पर देशभर के सरकारी दफ्तरों में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। बांग्लादेश सचिवालय अधिकारी-कर्मचारी एकता मंच के सह-अध्यक्ष नुरुल इस्लाम ने कहा कि आंदोलन और उग्र होगा।

सेना और BNP भी नाराज, शिक्षकों हड़ताल पर

अगस्त 2024 से सत्ता में आई मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को पहले ही विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) चुनावी समयसीमा तय करने की मांग को लेकर घेर रही है। सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान भी दिसंबर 2025 तक चुनाव करवाने की सलाह दे चुके हैं। वहीं यूनुस ने अप्रैल 2026 में चुनाव कराने का संकेत दिया है, जिससे उनकी सत्ता में बने रहने की मंशा पर संदेह गहराया है।

सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ देशभर के हजारों प्राथमिक स्कूल शिक्षक भी वेतन बढ़ोतरी समेत कई मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

म्यांमार सीमा पर गलियारा बनाने को लेकर सरकार-सेना में टकराव

बांग्लादेश में म्यांमार सीमा पर रखाइन जिले में मानवीय गलियारा बनाने की कथित योजना को लेकर सेना और सरकार आमने-सामने है। बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने घोषणा की थी कि अंतरिम सरकार ने अमेरिका की तरफ से प्रस्तावित रखाइन कॉरिडोर पर सहमति व्यक्त कर दी है।

जब यह बात सेना को पता चली तो उनकी तरफ से नाराजगी जताई गई। आर्मी चीफ वकार ने बुधवार को इसे खूनी कॉरिडोर बताया और अंतरिम सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बांग्लादेश की सेना कभी भी किसी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगी जो संप्रभुता के लिए हानिकारक हो। न ही किसी को ऐसा करने की इजाजत दी जाएगी।

इसके बाद यूनुस सरकार ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी देश के साथ म्यांमार सीमा पर रखाइन कॉरिडोर को लेकर समझौता नहीं किया है।

शेख हसीना ने 5 अगस्त को PM पद से इस्तीफा दिया था

शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। दरअसल, उनके खिलाफ देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था।

हालांकि हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। लेकिन इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई।

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