Crisis Within Pakistan Army: Commanders Revolt Against General Asim Munir’s Leadership | पाकिस्तान में मुनीर के फैसलों पर कमांडर सवाल उठा रहे: अपने बचाव में पोस्टर लगवा रहे सेनाध्यक्ष, जनरल पर परिवार को फायदा पहुंचाने के आरोप

इस्लामाबाद2 मिनट पहले

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जनरल असीम मुनीर ने 29 नवंबर 2022 को पाकिस्तान के सेना प्रमुख का पद संभाला था। - Dainik Bhaskar

जनरल असीम मुनीर ने 29 नवंबर 2022 को पाकिस्तान के सेना प्रमुख का पद संभाला था।

भारत से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान अब अपने ही घर में सेना, संसद और राजनीतिक मोर्चे पर घिर गया है। पाकिस्तान में सबसे बड़ा संकट उसकी ही फौज के भीतर पल रहा है।

सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व को लेकर कोर कमांडरों में असंतोष इतना गहरा है कि उन्होंने खुले तौर पर फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं। कोर कमांडरो में यह भावना गहराती जा रही है कि मुनीर की नीतियों ने न सिर्फ सेना की साख गिराई है, बल्कि पाक को बार-बार संकट में डाला है। वे मौजूदा स्थिति के लिए मुनीर को ही जिम्मेदार मानते हैं।

अपने समर्थन में पोस्टर लगवा रहे मुनीर

मुनीर को सार्वजनिक समर्थन दिखाने के लिए इस्लामाबाद में अपने पोस्टर लगवाने पड़े। ऐसे दृश्य पाक में पहले कभी नहीं देखे गए थे। मुनीर पर सेना प्रमुख बनते ही परिवार को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है।

मुनीर को अपने धार्मिक विचारों पर अडिग रहने और विरोध न सहने वाला माना जाता है। पाक के कुछ वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि मुनीर बहस होने पर कमरे से बाहर चले जाते थे। वे खुद को शक्तिशाली नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।

पाकिस्तानी की राजधानी इस्लामाबाद की सड़कों पर मुनीर के समर्थन में पोस्टर लगाए जा रहे हैं।

पाकिस्तानी की राजधानी इस्लामाबाद की सड़कों पर मुनीर के समर्थन में पोस्टर लगाए जा रहे हैं।

राज्यों में तनातनी, खैबर व बलूचिस्तान ने जंग से बनाई दूरी

पाकिस्तान अंदरूनी टकराव की आग में भी जल रहा है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे सीमावर्ती सूबों ने जंग से खुद को अलग कर लिया है। इन इलाकों में आम धारणा है कि यह पाक की नहीं, बल्कि पंजाबी सेना की लड़ाई है।

खैबर पख्तूनख्वा : इस प्रांत के लोग मानते हैं कि दशकों से पाकिस्तानी सेना आतंकियों को पालती रही। अब जब उस नीति का खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है, तब फौज पलटी मार रही है। आम लोगों का कहना है कि आतंकवादी नीति से अब दूरी बनाना दिखावे के सिवा कुछ नहीं है।

बलूचिस्तान : बलोच राष्ट्रवादियों ने भी कह दिया है कि पाक सरकार और फौज ने कभी बलूचिस्तान को अपना हिस्सा माना ही नहीं। प्राकृतिक संसाधनों में हिस्सेदारी तो दूर, हमें नागरिक तक नहीं समझा गया। फौज की लड़ाई से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।

पत्नी के रिश्तेदार को देश का गृहमंत्री बनाया

जनरल असीम मुनीर पर आरोप हैं कि उन्होंने मोहसिन नकवी को अहम पद दिलाए। वह मुनीर की पत्नी इरम असीम के रिश्तेदार हैं। मोहसिन नकवी के पास फिलहाल दो पद हैं। उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री की जिम्मेदारी है। इन दोनों जिम्मेदारियों के लिए मोहसिन के पास ना तो कोई विशेषज्ञता है, ना ही कोई अनुभव।

मोहसिन नकवी को मार्च 2024 में पाकिस्तान का गृहमंत्री बनाया गया।

मोहसिन नकवी को मार्च 2024 में पाकिस्तान का गृहमंत्री बनाया गया।

मुनीर के मामा का सरकारी नियुक्तियों में दखल

सैयद बाबर अली शाह जनरल मुनीर के मामा हैं। वे 2023 की शुरुआत से ही इस्लामाबाद की सत्ता के अघोषित केंद्र बन चुके हैं। सरकारी नियुक्तियों से लेकर प्रमोशन और पुरस्कारों तक में उनकी भूमिका दिखती है। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के पूर्व डीजी अहमद इसहाक जहांगीर की नियुक्ति में भी उनका दखल बताया जा रहा है।

चचेरी बहन मैनेजर से सीईओ बना दी गईं

मुनीर की चचेरी बहन हाजरा सुहैल साल 2022 में स्कॉलरशिप मैनेजर थीं। पाकिस्तान एजुकेशन एंडोमेंट फंड में काम कर रही थीं। यह संस्था शिक्षा मंत्रालय के अधीन है।

जनवरी 2023 में शिक्षा मंत्रालय ने नए सीईओ की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की। प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रक्रिया रोकने का आदेश आया। साफ कहा गया कि नाम जनरल हेडक्वार्टर से आएगा।

तत्कालीन शिक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने आपत्ति जताई, पर पीछे हटना पड़ा। हाजरा को सीधे CEO नहीं बनाया जा सकता था। इसलिए अगस्त 2023 में उन्हें अचानक जनरल मैनेजर बनाकर पूरी कमान सौंप दी गई। इसके लिए सीईओ का पद खाली रखा गया।

हाजरा सुहैल पाकिस्तानी जनरल असीम मुनीर के ममेरी बहन है।

हाजरा सुहैल पाकिस्तानी जनरल असीम मुनीर के ममेरी बहन है।

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