टोरंटो15 मिनट पहले
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कनाडा में पहले भी कई बार खालिस्तानियों ने भारतीय प्रधानमंत्री का पुतला बनाकर इस तरह से प्रदर्शन किए है।
कनाडा के टोरंटो में खालिस्तानी समर्थकों ने रविवार को हिंदू विरोधी रैली निकाली। इस रैली में खालिस्तानियों ने 8 लाख हिंदुओं को वापस भारत भेजने के लिए नारे लगाए। यह रैली टोरंटो के मालटन गुरुद्वारे के पास निकाली गई।
इसमें एक बड़े ट्रक पर जेल का मॉडल बनाया गया था और उसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पुतले रखे गए थे। इन पुतलों की कैदी की तरह दिखाया गया था।
नॉर्थ अमेरिका में हिंदू समुदायों के संगठन कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका ने इसे शर्मनाक बताया है।
पिछले महीने मंदिर की दीवार पर खालिस्तानी नारे लिखे
पिछले महीने 19 अप्रैल को कनाडा के सरे शहर में लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे। मंदिर की बाहरी दीवारों पर स्प्रे पेंट से ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘फ्री पंजाब’ के अलावा अन्य भड़काऊ नारे लिखे गए थे।
इसी दिन सरे शहर में मंदिर की ओर से नगर कीर्तन भी निकाला जाना था। घटना के तुरंत बाद मंदिर प्रशासन ने FIR दर्ज कराई। पुलिस ने घटना को नफरती अपराध मानते हुए शिकायत भी दर्ज की थी।

अधिकारियों के मुताबिक यह एक साजिश हो सकती थी, जिसका मकसद धार्मिक आयोजन से पहले माहौल को अस्थिर करना था।
अगले दिन वैशाखी में शामिल हुए खालिस्तानी
20 अप्रैल को सरे में 2025 बैसाखी का नगर कीर्तन निकाला गया था। इसमें 5 लाख के करीब सिख शामिल हुए। नगर कीर्तन में भी खालिस्तान समर्थक शामिल हुए। उन्होंने खालिस्तानी झंडे लहराए और मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की झांकी भी स्टेज पर सजाई।
कई स्थानों पर खालिस्तान समर्थक झंडे, भारत विरोधी नारे और अलगाववादी झांकियां प्रदर्शित की गईं। इनमें से कुछ फ्लोट्स पर सिख अलगाववाद से जुड़े विवादास्पद चेहरों और नारों का खुला प्रदर्शन किया गया।

दो साल पहले मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के समर्थक व खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से लगाई गई स्टेज।
पिछले साल हिंदू मंदिर में हुई थी हिंसा
कनाडा के ब्रैम्पटन में 3 नवंबर 2024 को हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए थे। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकतीं। वहीं विदेश मंत्रालय ने भी कनाडा की सरकार से पूजास्थलों की रक्षा की अपील की थी।
ब्रैम्पटन में भारतीय उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया।
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