नई दिल्ली5 घंटे पहले
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पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत दौरे पर आए थे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पीएम मोदी को फोन करके पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों के लिए संवेदना जाहिर की। इसके साथ ही आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में भारत को पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने X पोस्ट में कहा कि बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि हमले में शामिल और उनके पीछे को लोगों को कटघरे में लाया जाना चाहिए।
रणधीर जायसवाल X पोस्ट में लिखा-

राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को कटघरे में लाया जाना चाहिए।
पुतिन यूक्रेन वॉर के बाद पहली बार भारत आएंगे
राष्ट्रपति पुतिन इस साल भारत आएंगे दौरे पर आएंगे। उनकी विजिट के लिए तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि, अभी तक उनकी विजिट किस महीने या तारीख को होगी इसकी जानकारी सामने नहीं आएगी। 2022 में यूक्रेन वॉर शुरू होने के बाद पुतिन की यह पहली भारत यात्रा है।
इससे पहले पुतिन 2021 में सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे। इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते थे। दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर (2 लाख 53 हजार करोड़ रुपए) सालाना ट्रेड का टारगेट रखा था।

2021 में पुतिन महज कुछ घंटे के लिए भारत आए थे, उन्होंने नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी।
अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद दूसरे देशों की यात्रा से बच रहे पुतिन
मार्च 2023 में ICC ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। कोर्ट ने यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के आरोपों के आधार पर पुतिन को वॉर क्राइम्स के लिए जिम्मेदार माना था।
यह पहला मौका था जब ICC ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के किसी स्थायी सदस्य देश के टॉप लीडर के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस UNSC के स्थायी सदस्य हैं।
इसके बाद से पुतिन दूसरे देशों की यात्राएं करने से बचते रहे हैं। वह पिछले साल G20 समिट में शामिल होने भारत नहीं आए थे। इस साल ब्राजील में हो रहे G20 समिट में भी हिस्सा नहीं लिया है। उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दोनों कार्यक्रम में शामिल हुए।
हमले वाले दिन भी भारत का सपोर्ट किया था
रूस 22 अप्रैल को पहलगाम हमले वाले दिन भी भारत के लिए अपना सपोर्ट जाहिर किया था। तब राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि पहलगाम हमले के अपराधियों को सख्त सजा मिलेगी। हम भारत के साथ हैं। हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ है। हम सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।

भारत पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ रहा तनाव
पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने चिनाब नदी पर बने बागलिहार और सलाल डैम के गेट बंद कर दिए हैं। इनसे पाकिस्तान को पानी जा रहा था। भारत पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को रद्द कर चुका है, जिससे पाकिस्तान सरकार परेशान है।
दूसरी तरफ वायुसेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को युद्ध की तैयारियों पर जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने रविवार को हुई मीटिंग में PM को बताया कि एयर फोर्स हर हालात से निपटने को तैयार है। पश्चिमी सीमा पर डिफेंस नेटवर्क भी पूरी तरह एक्टिव है और राफेल भी तैयार हैं।

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